जीवन के हर भाव मे 'राम'
सभी लोग दिन भर प्रभु श्री राम को किसी न किसी रूप में याद करते ही हैं और यही हमारे मुक्ति का साधन बनेगा।
आइए जानते हैं कि जीवन के हर भाव मे राम कैसे विराजे हुए हैं।
हे राम -(शोक,दुःख)
हाय राम -(आश्चर्य)
जय श्री राम -(विजयघोष)
जय राम जी की -(अभिवादन)
राम नाम सत्य है -(मुक्ति का मार्ग)
पतित के पावन सीताराम - (पाप से मुक्त करने वाला)
रामराज्य - (सर्वश्रेष्ठ शासन)
राम - (आदर्श के प्रतीक)
1 comment:
सार्थक शब्दावली।
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गणतन्त्र दिवस की पूर्वसंध्या पर हार्दिक शुभकामनाएँ।
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